उत्तरकाशी। उत्तराखंड को देवभूमि यूं ही नहीं कहते हैं। यहां न केवल कणकण में, बल्कि विभिन्न रूपों में भगवान के दर्शन और शक्तियां देखने को मिलती हैं। ताजा मामला उत्तरकाशी जनपद यमुना घाटी के सरनौल गांव का है। यहां सरुताल से लौट रही देव डोली और देवताओं के पसवा जैसे ही गांव के पंचायत चौक पहुंचे, वहां पर करीब पांच फीट लम्बा सांप अवतरित हो गया। कुछ देर के लिए ग्रामीणों में डर पैदा हो गया।लेकिन इससे पहले ही देव डोलियों के साथ चल रहे पांडव पसवा (जिस व्यक्ति पर देवता अवतरित होता है) ने सांप को उठाया और देव डोली से भेंट कराने के बाद गले में डालकर सांप के साथ नृत्य करने लगे।इस नजारे को देख हर कोई हैरान रह गया।
बाद में देवता के पसवा ने शेषनाग के रूप अवतरित हुए सांप को हाथ में लेकर सभी को नाग देवता ने आशीर्वाद दिया और नाग देवता को दूध पिलाने के बाद सांप को मन्दिर परिसर में ही विदा कर दिया। वही बताया जा रहा है की स्वयं सांप के रूप में शेषनाग अवतरित हुए। वही सांप के साथ देव पसवा के नृत्य की वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है और जनपद में चर्चा का विषय बनी हुई है
अमूमन देखा जाता है की सांप का नाम सुनते ही प्रत्येक व्यक्ति के मन में डर पैदा हो जाता है लेकिन उत्तराखंड की देवभूमि में देवताओं की शक्ति देखिए शेषनाग के रूप में अवतरित सांप के साथ नृत्य कर रहे हैं देवता के पसवा यही देवभूमि में देवताओं की शक्ति है
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